*مدرسہ حنفیہ وارث العلوم* *मदर्सा हनफिया वारिसुल उलूम* *हिस्सा_06* *रमज़ानुल मुबारक* *तरावीह* *_______________________________________* *_नमाज़े तरावीह़ मर्द व औरत सबके लिए सुन्नते मुअक्किदह है इसका छोडना जायज़ नहीं,_* *📕दुर्रे मुख्तार जिल्द 2, सफह 596* *📕बहारे शरीअत हिस्सा,4 सफह 688* *📕हमारा इस्लाम सफह 252* *_हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम नें खुद तरावीह़ की नमाज़ पढ़ी और इसे बहुत पसंद फरमाया_* *📕बहारे शरीअत हिस्सा 4,सफह 688* *_हज़रते अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने कहा कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम नें इरशाद फरमाया कि, जो शख्स सच्चे दिल से सवाब की नियत से तरावीह़ की नमाज़ पढे़ तो उसके अगले गुनाह बख्श दिऐ जाते हैं_* *📕मुस्लिम शरीफ,जिल्द 1 सफह 259* *📕मिशकात शरीफ सफह 114* *📕अनवारूल ह़दीस सफह 115* *_तरावीह जमाअत से पढ़ना सुन्नते कफाया है,यानि अगर मस्जिद के सब लोग छोड़ देंगे तो सब गुनहगार होंगे और अगर किसी एक नें घर में तन्हा पढ़ ली,तो गुनहगार नहीं मगर ऐसे शख्स का जिसके वजह से जमाअत बड़ी होत